Saturday, December 21, 2024
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Sapna Pandey Poem : कहीं खामोश होकर खो ना जाऊं

कहीं खामोश होकर खो ना जाऊं मेरा  भी वजूद रहने दो .... नरम दिल हूं इसे पत्थर ना बनने दो  एक दरख्त शाख से टूट चुकी हूं  अब...
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